Monday 6 June 2011

जो किसी का बुरा नहीं होता,
शख्स ऐसा भला नहीं होता !

दोस्तों से शिकायतें होंगी,
दुश्मनों से गिला नहीं होता !

हर परिंदा स्वयं बनाता है,
अर्श पे रास्ता नहीं होता !

इश्क के कायदे नहीं होते,
दर्द का फ़लसफ़ा नहीं होता !

फ़ितरतन गल्तियां करेगा वो,
आदमी देवता नहीं होता !

ख़त लिखोगे हमें कहाँ आखिर,
जोगियों का पता नहीं होता !

Sunday 5 June 2011

धूल धक्कड़ हो, धुआं हो, धुंध हो बेशक वहां,
मेरा अपना गाँव फिर भी, मेरा अपना गाँव है !

कल्पवृक्षों के घने साये मुबारक हों तुम्हें,
मेरे सर पे मेरी माँ की ओढ़नी की छाओं है !!